Examine This Report on संक्रामक रोग से बचने के उपाय



सरकार का कहना है कि संक्रमण का दुबारा प्रसार होने पर भी, वह देश के चिकित्सा तंत्र और जन स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन जारी रखते हुए, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के वर्तमान स्तर को बनाये रखने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों की राय और संक्रमण की वैश्विक स्थिति को देखते हुए, सरकार कोरोनावायरस के संग सह-अस्तित्व के लिए संक्रमण-रोधी नीति की समीक्षा करती रहेगी।

आईडीआईवी और जेना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ. मिरियम हर्ट कहते हैं, हमारे अनुमान के अनुसार बड़े जानवर पहले की तुलना में गर्म जलवायु में निवास स्थानों के नष्ट होने के प्रभावों से अधिक प्रभावित होते हैं और इसलिए उनके विलुप्त होने का अधिक खतरा है।

इस तरह के संक्रमण संदूषित जल और भोजन के माध्यम से फैलते हैं। इस प्रकार के संक्रमण सामान्यतयः मलीय पदार्थ से सम्बन्धित होते हैं। रोग के कारक जल एवं भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, ये आँतों में बहुगुणित होते हैं और मल के रूप में शरीर से निष्कासित कर दिये जाते हैं। ये संदूषित मल धूल एवं मक्खियों के माध्यम से जल, दूध, भोजन एवं हाथों को संक्रमित कर देता है।

तोहो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक तातेदा काज़ुहिरो, सरकार की कोरोनावायरस सलाहकार समिति के सदस्य हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों को यह मानते हुए कि बाह्य रोगी विभाग पर पड़ने वाला बोझ सातवीं लहर की तुलना में कहीं अधिक हो सकता है, सबसे बदतर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

विशेषज्ञों द्वारा जारी एक दस्तावेज़ में चेतावनी दी गयी है कि लोगों में एंटीबॉडी के कम स्तर के कारण गंभीर ज़ुकाम का प्रकोप फैल सकता है।

जिन लोगों में टीबी का पता लगा लिया गया है, उनको निम्न सुझावों का पालन करना चाहिए:

मौसम में आए बदलाव के बीच एक बार फिर भीषण गर्मी का दौड़ शुरू हो गया है। भीषण गर्मी के साथ चल रही गर्म हवा से लोगों get more info का जीना मुहाल हाे रहा है। गर्म हवा व चिलचिलाती धूप के कारण सोमवार को सड़कों पर दिनभर लोगों की आवाजाही कम रही। पसीने व उमस ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। दिन भर उमस भरी गर्मी व तेज धूप की वजह से कोई छाता तो कोई गमछा का सहारा लेकर बाजार में आवागमन करते दिखे। ग्रामीण इलाके की बात करें तो लोग गर्मी से निजात पाने के लिए वृक्ष के नीचे बैठे दिखे। भीषण गर्मी व उमस के बीच बीमारी बढ़ने लगी है। अस्पतालों में वायरल फीवर व डायरिया से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। चिकित्सक धूप व गर्मी से बचने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि अप्रैल माह में हुई बारिश से पारा में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन एक बार फिर भीषण गर्मी ने अपना रूख मोड़ लिया है। सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सक डाॅ.

फुंसियों में दर्द और खुजली होना इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है।

चिकित्सा संस्थानों पर बोझ कम करने के लिए, केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्टिंग आवश्यकता को निम्नलिखित श्रेणियों तक सीमित कर दिया है:

यह सामग्री क्रियेटिव कॉमन्स ऍट्रीब्यूशन/शेयर-अलाइक लाइसेंस के तहत उपलब्ध है;

माएदा हिदेओ तोक्यो के किता वार्ड स्थित जन स्वास्थ्य केन्द्र के प्रमुख हैं। वह कोरानावायरस के लिए सरकार की विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी हैं।

वह रोग जो विशिष्ट संक्रमण प्रतिनिधि या उसके विषाक्त उत्पादों के द्वारा समुदाय के अन्य व्यक्तियों में फैलता है, संक्रामक रोग कहलाता है। मानव में किसी भी रोग की उत्पत्ति के लिए तीन कारक आवश्यक हैं— रोग के कारक, परपोषी घटक या होस्टल और पर्यावरणीय घटक। इन तीन घटकों को जानपदिकरोगी विज्ञान त्रयी कहते हैं।

दूसरा निवारक उपाय है विद्यालय या काम पर जाने से बचना और साथ ही बुख़ार तथा कुछ अन्य लक्षण होने पर अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचने के प्रयास करना। ऐसी स्थिति में पर्याप्त विश्राम भी बहुत आवश्यक है।

नहीं है एवं फ्रि़ज की सफाई भी ढंग से हो पानी सम्भव नहीं रहती।

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